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The Evolution of Indian Citizenship: Insights from Part 2 of the Constitution

भारतीय संविधान भाग 2: नागरिकता और सामाजिक न्याय की दिशा भारत का संविधान, दुनिया के सबसे विस्तृत और समावेशी संविधानों में से एक है, जो न केवल राज्य की संरचना और प्रशासन के ढांचे को निर्धारित करता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। भारतीय संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता से संबंधित है, जो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के मूलभूत ताने-बाने को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नागरिकता की परिभाषा और महत्व संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता को परिभाषित करता है, यह स्पष्ट करता है कि एक व्यक्ति को भारतीय नागरिकता कब और कैसे प्राप्त होती है, और किन परिस्थितियों में यह समाप्त हो सकती है। नागरिकता, किसी भी देश में व्यक्ति और राज्य के बीच एक संप्रभु संबंध को स्थापित करती है। यह एक व्यक्ति को अपने अधिकारों का दावा करने का अधिकार देती है और साथ ही राज्य के प्रति उसकी जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करती है। भारतीय संविधान में नागरिकता की प्राप्ति के विभिन्न आधार हैं, जैसे जन्म, वंश, और पंजीकरण के माध्यम से। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, जो भारत...

Historic Verdict: SC Stops Governors from Playing President Card

राज्यपाल दूसरी बार अपना मन नहीं बदल सकते: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और स्पष्ट निर्णय में यह स्थापित किया कि राज्यपाल किसी विधेयक को दूसरी बार राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किए जाने के बाद उसे राष्ट्रपति के विचारार्थ नहीं भेज सकते। यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 200 की व्याख्या और राज्यपालों की शक्तियों के दायरे को परिभाषित करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। मामले की पृष्ठभूमि: तमिलनाडु के राज्यपाल का विवाद न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि के उस कदम के संदर्भ में की, जिसमें उन्होंने 10 विधेयकों को पहले अस्वीकार किया और फिर विधानसभा द्वारा पुनः पारित किए जाने के बाद उन्हें राष्ट्रपति के पास भेज दिया। कोर्ट ने इस कार्रवाई को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि राज्यपाल को यह निर्णय पहली बार में ही लेना चाहिए था, न कि दूसरी बार विधेयक उनके समक्ष आने पर। पीठ ने इसे "सच्चा निर्णय नहीं" माना और राज्यपाल के आचरण पर सवाल उठाए। संविधान के अनुच्छेद 200...

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