भारतीय संविधान भाग 2: नागरिकता और सामाजिक न्याय की दिशा भारत का संविधान, दुनिया के सबसे विस्तृत और समावेशी संविधानों में से एक है, जो न केवल राज्य की संरचना और प्रशासन के ढांचे को निर्धारित करता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। भारतीय संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता से संबंधित है, जो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के मूलभूत ताने-बाने को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नागरिकता की परिभाषा और महत्व संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता को परिभाषित करता है, यह स्पष्ट करता है कि एक व्यक्ति को भारतीय नागरिकता कब और कैसे प्राप्त होती है, और किन परिस्थितियों में यह समाप्त हो सकती है। नागरिकता, किसी भी देश में व्यक्ति और राज्य के बीच एक संप्रभु संबंध को स्थापित करती है। यह एक व्यक्ति को अपने अधिकारों का दावा करने का अधिकार देती है और साथ ही राज्य के प्रति उसकी जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करती है। भारतीय संविधान में नागरिकता की प्राप्ति के विभिन्न आधार हैं, जैसे जन्म, वंश, और पंजीकरण के माध्यम से। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, जो भारत...
1999: एक वोट से गिरी वाजपेयी सरकार और शरद पवार का 26 साल बाद खुलासा भारतीय राजनीति के इतिहास में कई घटनाएँ ऐसी हुई हैं, जिन्होंने सत्ता संतुलन को पूरी तरह से बदल दिया। इनमें से एक सबसे अहम घटना 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार का गिरना था, जो मात्र एक वोट से हार गई थी। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक मोड़ थी, क्योंकि इसके बाद देश में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए। अब, 26 साल बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने इस मामले पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पर्दे के पीछे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण वाजपेयी सरकार गिर गई। उनके इस बयान ने 1999 की उस ऐतिहासिक घटना को फिर से चर्चा में ला दिया है। 1999: वाजपेयी सरकार का अविश्वास प्रस्ताव पृष्ठभूमि: जयललिता का समर्थन वापसी 1998 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार बनी थी, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने। लेकिन उनकी सरकार का पूरा अस्तित्व सहयोगी दलों के समर्थन पर निर्भर था। अन्नाद्रमुक ...