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The Evolution of Indian Citizenship: Insights from Part 2 of the Constitution

भारतीय संविधान भाग 2: नागरिकता और सामाजिक न्याय की दिशा भारत का संविधान, दुनिया के सबसे विस्तृत और समावेशी संविधानों में से एक है, जो न केवल राज्य की संरचना और प्रशासन के ढांचे को निर्धारित करता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। भारतीय संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता से संबंधित है, जो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के मूलभूत ताने-बाने को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नागरिकता की परिभाषा और महत्व संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता को परिभाषित करता है, यह स्पष्ट करता है कि एक व्यक्ति को भारतीय नागरिकता कब और कैसे प्राप्त होती है, और किन परिस्थितियों में यह समाप्त हो सकती है। नागरिकता, किसी भी देश में व्यक्ति और राज्य के बीच एक संप्रभु संबंध को स्थापित करती है। यह एक व्यक्ति को अपने अधिकारों का दावा करने का अधिकार देती है और साथ ही राज्य के प्रति उसकी जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करती है। भारतीय संविधान में नागरिकता की प्राप्ति के विभिन्न आधार हैं, जैसे जन्म, वंश, और पंजीकरण के माध्यम से। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, जो भारत...

What is Government in Hindi

 (कक्षा 6, सामाजिक और राजनीतिक जीवन)

अध्याय 3: सरकार क्या है?

परिचय

सरकार वह संस्था है जो किसी देश, राज्य या क्षेत्र में निर्णय लेने, कानून बनाने और उन्हें लागू करने का कार्य करती है। सरकार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना होता है। यह विभिन्न सेवाएं प्रदान करने, कानून लागू करने और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करती है।

What is Government in Hindi


सरकार की परिभाषा और भूमिका

सरकार का मुख्य कार्य नीतियाँ बनाना और उन्हें लागू करना होता है। यह देश के विकास, सुरक्षा, और नागरिकों के कल्याण के लिए जिम्मेदार होती है। सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

सरकार के कार्य

सरकार कई प्रकार के कार्य करती है, जैसे:

1. बुनियादी ढांचे का विकास – सड़कें, स्कूल, अस्पताल और परिवहन सेवाएँ उपलब्ध कराना।

2. अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना – खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करना।

3. कानून और व्यवस्था बनाए रखना – अपराध रोकने और न्याय दिलाने के लिए पुलिस और न्यायालयों की व्यवस्था करना।

4. सामाजिक सेवाएँ प्रदान करना – गरीबों के लिए योजनाएँ बनाना, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।

5. सीमाओं की रक्षा करना – सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से देश की रक्षा करना।

6. आपातकालीन सहायता – बाढ़, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करना।

7. सार्वजनिक सेवाएँ चलाना – रेलवे, डाक सेवा, बैंकिंग प्रणाली और अन्य सरकारी सेवाएँ सुचारू रूप से चलाना।

सरकार के स्तर

सरकार विभिन्न स्तरों पर कार्य करती है ताकि वह प्रत्येक नागरिक तक अपनी सेवाएँ पहुँचा सके।

1. स्थानीय सरकार

यह गाँव, कस्बों और नगरों में कार्य करती है।

ग्राम पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम इसके उदाहरण हैं।

यह स्थानीय सड़कों की मरम्मत, जल आपूर्ति, सफाई और छोटे स्कूलों के संचालन का कार्य करती है।

2. राज्य सरकार

राज्य स्तर पर सरकार का कार्य क्षेत्र व्यापक होता है।

यह पूरे राज्य से संबंधित फैसले लेती है, जैसे शिक्षा नीति, स्वास्थ्य सेवाएँ और राज्य पुलिस का संचालन।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह कार्य करती है।

3. केंद्रीय सरकार

यह पूरे देश के मामलों को देखती है।

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और संसद इसके मुख्य अंग होते हैं।

रक्षा, विदेश नीति, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और संचार व्यवस्था को नियंत्रित करना इसका कार्य है।

कानून और सरकार

सरकार कानून बनाती है और उन्हें लागू करती है ताकि समाज में शांति और व्यवस्था बनी रहे।

उदाहरण: सभी वाहन चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है।

यदि कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है, तो न्यायालय के माध्यम से उसे दंडित किया जाता है।

कानूनों का महत्व

कानून समाज में अनुशासन बनाए रखते हैं।

वे लोगों को अधिकार और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

यदि कोई व्यक्ति महसूस करता है कि उसके साथ अन्याय हुआ है, तो वह न्यायालय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

सरकार के प्रकार

1. लोकतांत्रिक सरकार (Democratic Government)

इस प्रणाली में सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है।

चुनाव के माध्यम से लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं।

भारत, अमेरिका और ब्रिटेन लोकतांत्रिक देशों के उदाहरण हैं।

लोकतंत्र में सरकार को अपनी नीतियों और निर्णयों के लिए जनता को जवाब देना पड़ता है।

2. राजतंत्र (Monarchy)

इसमें राजा या रानी शासन करते हैं और उनके निर्णय सर्वोच्च होते हैं।

जनता को प्रत्यक्ष रूप से निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता।

सऊदी अरब और ओमान राजतांत्रिक देशों के उदाहरण हैं।

3. तानाशाही (Dictatorship)

इस प्रणाली में पूरा अधिकार एक व्यक्ति या समूह के पास होता है।

जनता को बोलने और निर्णय लेने की स्वतंत्रता नहीं होती।

उत्तर कोरिया इसका एक उदाहरण है।

लोकतंत्र और मताधिकार

लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें जनता को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार मिलता है। यह अधिकार सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise) कहलाता है, जिसका अर्थ है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिक बिना किसी भेदभाव के मतदान कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक सिद्धांत

1. समानता – सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलते हैं।

2. स्वतंत्रता – सभी को अभिव्यक्ति, धर्म और जीवन जीने की स्वतंत्रता होती है।

3. उत्तरदायित्व – सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है।

4. न्याय – कानून सबके लिए समान होता है।

मताधिकार आंदोलन (Suffrage Movement)

यह आंदोलन महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलाने के लिए शुरू हुआ था।

पहले केवल संपत्ति मालिक पुरुषों को ही वोट देने का अधिकार था।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महिलाओं ने विभिन्न कार्यों में अपनी क्षमता साबित की, जिससे उन्हें वोट का अधिकार मिला।

अमेरिका में 1920 और ब्रिटेन में 1928 में महिलाओं को वोट का अधिकार मिला।

महात्मा गांधी और सार्वभौमिक मताधिकार

महात्मा गांधी का मानना था कि शिक्षा और धन के आधार पर मताधिकार का अधिकार नहीं छीनना चाहिए। उन्होंने इस विचार का समर्थन किया कि हर वयस्क को वोट देने का अधिकार मिलना चाहिए।

गांधीजी ने 1931 में 'यंग इंडिया' पत्रिका में लिखा:

"मैं इस विचार को स्वीकार नहीं कर सकता कि जिस व्यक्ति के पास संपत्ति है, उसे वोट मिलना चाहिए, लेकिन वह व्यक्ति जो ईमानदारी से मेहनत करता है, उसे वोट न मिले।"

भारत में लोकतंत्र का विकास

स्वतंत्रता से पहले भारत में केवल कुछ लोगों को ही मतदान का अधिकार था।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने समान अधिकारों की मांग की।

1950 में संविधान लागू हुआ, जिसमें सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार दिया गया।

महत्वपूर्ण प्रश्न

1. सरकार क्या है? यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है?

2. सरकार के कौन-कौन से स्तर होते हैं? उनके कार्यों को समझाइए।

3. सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों की आवश्यकता क्यों होती है?

4. लोकतंत्र और राजतंत्र में क्या अंतर है?

5. मताधिकार आंदोलन क्या था और इसका क्या प्रभाव पड़ा?

6. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का क्या महत्व है?

7. महात्मा गांधी का मताधिकार पर क्या विचार था?

8. लोकतंत्र के मूल सिद्धांत क्या हैं?

निष्कर्ष

सरकार हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह देश की प्रगति, सुरक्षा और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करती है। लोकतंत्र जनता को अपनी सरकार चुनने और उसमें भागीदारी करने का अवसर देता है। भारतीय लोकतंत्र का आधार सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार है, जिसने सभी नागरिकों को समानता और स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया है।

यह नोट्स परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे!


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