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The Evolution of Indian Citizenship: Insights from Part 2 of the Constitution

भारतीय संविधान भाग 2: नागरिकता और सामाजिक न्याय की दिशा भारत का संविधान, दुनिया के सबसे विस्तृत और समावेशी संविधानों में से एक है, जो न केवल राज्य की संरचना और प्रशासन के ढांचे को निर्धारित करता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। भारतीय संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता से संबंधित है, जो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के मूलभूत ताने-बाने को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नागरिकता की परिभाषा और महत्व संविधान का भाग 2 भारतीय नागरिकता को परिभाषित करता है, यह स्पष्ट करता है कि एक व्यक्ति को भारतीय नागरिकता कब और कैसे प्राप्त होती है, और किन परिस्थितियों में यह समाप्त हो सकती है। नागरिकता, किसी भी देश में व्यक्ति और राज्य के बीच एक संप्रभु संबंध को स्थापित करती है। यह एक व्यक्ति को अपने अधिकारों का दावा करने का अधिकार देती है और साथ ही राज्य के प्रति उसकी जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करती है। भारतीय संविधान में नागरिकता की प्राप्ति के विभिन्न आधार हैं, जैसे जन्म, वंश, और पंजीकरण के माध्यम से। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, जो भारत...

अध्याय-1.4 : सत्ता के वैकल्पिक केंद्र

 


यूरोपीय संघ


  • द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यूरोपीय देशों की व्यापक तबाही।

  • अतः यूरोप के पुनर्निर्माण और विकास की जरूरत थी।

  • अमेरिका ने यूरोपीय देशों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए आर्थिक मदद के लिए मार्शल योजना प्रस्तुत की।

  • 1948 में मार्शल योजना के तहत यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक मदद दी गयी।

  • यही ऐसा पहला मंच था जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों ने व्यापार और आर्थिक मामलों में एक दूसरे की मदद शुरू की।

  • 1949 में गठित यूरोपीय परिषद राजनैतिक सहयोग के मामले में एक अगला कदम साबित हुई।

  • अप्रैल 1951 में पश्चिमी यूरोप के 6 देशों - BFNL-JI बेल्जियम फ्रांस नीदरलैंड लक्समबर्ग जर्मनी(पश्चिमी) इटली के द्वारा पेरिस (फ्रांस) संधि के तहत यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय का गठन किया।

  • इन्ही देशों के द्वारा मार्च 1957 में रोम (इटली) संधि के तहत यूरोपीय आर्थिक समुदाय तथा यूरोपीय एटमी ऊर्जा समुदाय का गठन किया गया।

  • 1979 में यूरोपीय संसद (ब्रुसेल्स- बेल्जियम) के गठन के बाद यूरोपीय आर्थिक समुदाय राजनीति स्वरूप ले लिया।

  • जून 1985 की शांगेन(लक्समबर्ग) संधि के तहत यूरोपीय समुदाय के देशों के बीच सीमा नियंत्रण समाप्त हो गया। इसीलिए यूरोपीय संघ को शेंगेन क्षेत्र भी कहा जाता है।

  • सोवियत संघ के विघटन के बाद यूरोप के एकीकरण की प्रक्रिया को और बल मिला।

  • फरवरी 1992 में मास्ट्रिच(नीदरलैंड) संधि के तहत  यूरोपीय आर्थिक समुदाय को यूरोपीय संघ में परिवर्तित कर दिया गया।

  • 1 जनवरी 2002 से साझी मुद्रा यूरो का चलन प्रारंभ हो गया। इसे पहले 12 देशों ने अपनाया था।आज यूरो जोन में कुल 19 देश सामिल हैं।


यूरोपीय संघ के गठन के उद्देश्य 


  • एक समान विदेश व सुरक्षा नीति।

  • आंतरिक मामलों तथा न्याय से जुड़े मामलों पर सहयोग ।

  • एक समान मुद्रा का चलन।

  • वीजा मुक्त आवागमन।


 यूरोपीय संघ की विशेषताएँ 


  •  यूरोपीय संघ ने आर्थिक सहयोग वाली संस्था से बदलकर राजनैतिक संस्था का रूप ले लिया है।

  • यूरोपीय संघ एक विशाल राष्ट्र-राज्य की तरह कार्य करने लगा है।

  • इसका अपना झंडा, गान, स्थापना दिवस और अपनी एक मुद्रा है।

  • अन्य देशों से संबंधों के मामले में इसने काफी हद तक साझी विदेश और सुरक्षा नीति बना ली है।

  • यूरोपीय संघ का झंडा 12 सोने के सितारों के घेरे के रूप में चित्रित है जो वहाँ के लोगों की एकता और मेलमिलाप का प्रतीक है । इसमें 12 सितारें हैं क्योंकि 12 संख्या पूर्णता समग्रता और एकता का प्रतीक मानी जाती है।


यूरोपीय संघ को ताकतवर बनाने वाले कारक या विशेषताएँ 


  • 2005 में यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और इसका सकल घरेलू उत्पादन अमरीका से भी ज्यादा था।

  • इसकी मुद्रा यूरो, अमरीकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकती है।

  • विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमेरिका से तीन गुना ज्यादा है और इसी के चलते यूरोपीय संघ अमेरिका और चीन से व्यापारिक विवादों में पूरी धौंस के साथ बात करता है।

  • इसकी आर्थिक शक्ति का प्रभाव यूरोप, एशिया और अफ्रीका के देशों पर है।

  • यह विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अंदर एक महत्वपूर्ण समूह के रूप में कार्य करता है।

  • इसका एक सदस्य देश फ्रांस सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। इसके चलते यूरोपीय संघ अमरीका समेत सभी राष्ट्रों की नीतियों को प्रभावित करता है।

  • सैनिक ताकत के हिसाब से यूरोपीय संघ के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है।इसका कुल रक्षा बजट अमेरिका के बाद सबसे अधिक है।

  • यूरोपीय संघ का सदस्य देश फ्रांस परमाणु शक्ति सम्पन्न है।

  • अंतरिक्ष विज्ञान और संचार प्रौद्योगिकी के मामले में भी यूरोपीय संघ का दुनिया में दूसरा स्थान है।

  • अधिराष्ट्रीय संगठन के तौर पर यूरोपीय संघ आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक मामलों में दखल देने में सक्षम है।



2003 में यूरोपीय संघ ने एक साझा संविधान बनाने की कोशिश की थी। यह कोशिश नाकामयाब रही। इसी को लक्ष्य करके यह कार्टून बना है। कार्टूनिस्ट ने यूरोपीय संघ को टाइटैनिक जहाज के रूप में क्यों दिखाया है?


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जिस प्रकार टाइटैनिक जैसा विशाल जहाज डूबकर नष्ट हो गया था ठीक उसी प्रकार सन् 2003 में यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा एक संयुक्त (साझा) संविधान निर्मित करने का प्रयास विफल रहा। इसी को लक्ष्य करके उक्त कार्टून बना है। एरेस, केगल्स कार्टूनिस्ट ने यूरोपीय संघ को टाइटैनिक जहाज के रूप में दिखाया है। उल्लेखनीय है कि संविधान तथा जहाज दोनों ही अपनी-अपनी मंजिल को हासिल नहीं कर सके थे।



कल्पना कीजिए, क्या होता अगर पूरे यूरोपीय संघ की एक फुटबॉल टीम होती?

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यदि यूरोपीय संघ की एक फुटबॉल टीम होती तो खिलाड़ियों के चयन में कड़ी प्रतिस्पर्धा होती तथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बलबूते ही खिलाड़ी चुने जाते।



यूरोपीय संघ के देशों के मध्य पाए जाने वाले किन्हीं चार मतभेदों को बताइए।


यूरोपीय संघ के देशों के मध्य पाए जाने वाले चार मतभेद निम्नलिखित हैं-


  • यूरोपीय देशों की विदेश एवं रक्षा नीति में परस्पर मतभेद पाया जाता है।

  • इराक युद्ध का ब्रिटेन ने समर्थन किया, लेकिन फ्रांस व जर्मनी ने विरोध किया।

  • यूरोप के कुछ देशों में यूरो मुद्रा को लागू करने के सम्बन्ध में मतभेद है।

  • डेनमार्क तथा स्वीडन ने मास्ट्रिस्ट सन्धि और साझी यूरोपीय मुद्रा ‘यूरो’ को मानने का प्रतिरोध किया।


यूरो अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा कैसे बन सकता है?


निम्नलिखित रूप में यूरो अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकता है-


यूरोपीय संघ के सदस्यों की संयुक्त मुद्रा यूरो का प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है और यह डॉलर को चुनौती प्रस्तुत करता नजर आ रहा है क्योंकि विश्व व्यापार में यूरोपीय संघ की भूमिका अमेरिका से तीन गुनी है।यूरोपीय संघ राजनीतिक, कूटनीतिक तथा सैन्य रूप से भी अधिक प्रभावी है। इसे अमेरिका धमका नहीं सकता।यूरोपीय संघ की आर्थिक शक्ति का प्रभाव अपने पड़ोसी देशों के साथ-साथ एशिया और अफ़्रीका के राष्ट्रों पर भी है।यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था विश्व की एक विशाल अर्थव्यवस्था है जिसका सकल घरेलू उत्पाद अमेरिका के बाद सबसे अधिक है।


यूरोपीय संघ का संगठन


यूरोपीय आयोग-

यूरोपीय संघ की नीतियों व विधायन का सूत्रपात करना,उन्हें लागू करना तथा उनके क्रियान्वयन की देख-रेख करना।


यूरोपीय परिषद-

राष्ट्राध्यक्षों का नियमित रूप से शिखर सम्मेलन का आयोजन करना।यूरोपीय संघ की कार्यसूची तैयार करना।मतभेद के मुद्दों पर सहमति लाने का प्रयास।


मंत्रियों की परिषद-

सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक।यूरोपीय संसद के साथ यूरोपीय संघ के विधायन को अंतिम रूप देना।विधायन के संदर्भ में परिषद की शक्तियों की साझीदार।


यूरोपीय संसद-

सदस्य देशों के नागरिकों द्वारा प्रत्यक्षतः निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा गठित।


यूरोपीय न्यायालय-

सदस्य देशों के विवादों का निपटारा करना।




यूरोपीय संघ के चार उद्देश्य

  • साझी विदेश तथा रक्षा नीति।

  • एक समान नागरिकता

  • यूरोपीय राष्ट्रों में सामाजिक आर्थिक निकटता में वृद्धि

  • साझी मुद्रा का चलन

  • विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा


यूरोपीय संघ को क्या चीजें एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती हैं?

  • साझी मुद्रा,स्थापना दिवस,गान व झंडा।

  • आर्थिक राजनीतिक कूटनीतिक व सैन्य प्रभाव।

  • आर्थिक रूप से बहुत शक्तिशाली



यूरोपीय आर्थिक समुदाय के गठन के दो कारण बताइये

  • पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास

  • अमेरिका के वर्चस्व का सामना।

  • यूरोप की प्रतिष्ठा की वापसी।


यूरोपीय आर्थिक समुदाय के गठन के दो उद्देश्य

  • आर्थिक विकास को बढ़ावा।

  • आत्मनिर्भर-अमेरिकी प्रभाव से मुक्ति




आसियान : दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन 


ASEAN : ASSOCIATION OF SOUTH EAST ASIAN NATIONS


  • अगस्त 1967 में इस क्षेत्र के पाँच देशों FISTM फिलिपींस, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और मलेशिया ने बैंकाक (थाईलैंड) घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके आसियान की स्थापना की।


  • बाद में ब्रुनई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार ओर कंबोडिया को इसमें शामिल किया गया और इसकी सदस्य संख्या 10 हो गई।


 दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों ने आसियान के निर्माण की पहल क्यों की?


दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों ने निम्नलिखित कारणों से आसियान के निर्माण की पहल की-


  • द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले और उसके दौरान, दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र यूरोपीय और जापानी उपनिवेशवाद के शिकार हुए तथा भारी राजनीतिक और आर्थिक कीमत चुकाई।

  • युद्ध के बाद इन्हें राष्ट्र निर्माण, आर्थिक पिछड़ेपन और गरीबी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

  • शीतयुद्ध काल में इन्हें किसी एक महाशक्ति के साथ जाने के दबावों को भी झेलना पड़ा था।

  • परस्पर टकरावों की स्थिति में ये देश अपने आपको सँभालने की स्थिति में नहीं थे।

  • गुटनिरपेक्ष आन्दोलन तीसरी दुनिया के देशों में सहयोग और मेल-जोल कराने में सफल नहीं हो रहे थे।



 आसियान के मुख्य उद्देश्य 


1- सदस्य देशों के आर्थिक विकास को तेज करना। 

2- इसके द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक विकास हासिल करना।

3- कानून के शासन और संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांतों का पालन करके क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना।

4- सदस्य देशों में आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक वैज्ञानिक तथा प्रशासनिक सहयोग को बढ़ावा देना।

5- कृषि व्यापार और उद्योग के विकास में सहयोग को बढ़ावा देना।

6- आसियान देशों में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाना।


आसियान का झंडा


आसियान के झंडे में धान की दस बालियों को दर्शाया गया है।ये 10 बालियां आसियान के 10 सदस्य देशों को व्यक्त करती हैं जो एकता मित्रता और भाईचारे के बंधन में बंधे हुए हैं। झंडे में दिखाया गया वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है।


 आसियान शैली 


अनौपचारिक, टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल-मिलाप का नया उदाहरण पेश करके आसियान ने काफी यश कमाया है। इसे ही 'आसियान शैली कहा जाने लगा। आसियान के कामकाज में राष्ट्रीय सार्वभौमिकता का सम्मान करना बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है।


आसियान के तीन स्तम्भ और उनके उद्देश्य


1- आसियान सुरक्षा समुदाय 


यह क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक न जाने की सहमति पर आधारित है।


2- आसियान आर्थिक समुदाय 


इसका उद्देश्य आसियान देशों का साझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना तथा इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करना है।


3 - आसियान सामाजिक सांस्कृतिक समुदाय


इसका उद्देश्य आसियान देशों के बीच टकराव की जगह सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना है।


 


आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF) स्थापना- 1994


1994 में आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गई। जिसका उद्देश्य देशों की सुरक्षा और विदेश नीतियों में तालमेल बनाना है। 


आसियान विजन दस्तावेज 2020


1- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गयी है।


2- टकराव के स्थान पर बातचीत को बढ़ावा देने की बात की गई है। इसी तरकीब से आसियान ने कंबोडिया के टकराव को समाप्त किया। पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला है।


3- पूर्वी-एशियाई सहयोग पर बातचीत के लिए 1999से नियमित रूप से वार्षिक बैठक आयोजित की है।


आसियान का संगठन


1- शिखर सम्मेलन


2- सचिवालय - जकार्ता



आसियान की उपयोगिता या प्रासंगिकता


1- आसियान की मौजूदा आर्थिक शक्ति खासतौर से भारत और चीन जैसे तेजी से विकसित होने वाले एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश के मामले में उसकी प्रासंगिकता ने इसे और भी अधिक आकर्षक बना दिया है।


2- आसियान की असली ताकत अपने सदस्य देशो, सहभागी सदस्यों और बाकी गैर-क्षेत्रीय संगठनों के बीच निरंतर संवाद और परामर्श करने का नाति में है।


3- यह एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियाई देशों और विश्व शक्तियों को राजनैतिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा के लिए राजनीतिक मंच उपलब्ध कराता है।


4- आसियान ने निवेश श्रम और सेवाओं के मामले में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने पर भी ध्यान दिया है।


5- आसियान क्षेत्र की कुल अर्थव्यवस्था अमेरिका यूरोपीय संघ और जापान की तुलना में काफी कम है परंतु इसका विकास सबसे अधिक तेजी से हो रहा है।इसके चलते इस क्षेत्र में और इसके बाहर इसके प्रभाव में तेजी से वृद्धि हो रही है।


6- आसियान की प्रासंगिकता इसी बात से सिद्ध हो जाती है कि आज अमेरिका और चीन जैसी शक्तियां आसियान की ओर ललचाई नजरों से देखती हैं।



भारत-आसियान संबंध


  • शुरुआती वर्षो में भारतीय विदेश नीति में आसियान को ज्यादा ध्यान नही दिया गया। लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने अपनी नीति सुधारने की कोशिश की है।

  • 1991 के बाद भारत ने 'पूरब की ओर देखो' की नीति अपनाई है और आसियान के तीन (MST) देशों मलेशिया सिंगापुर और थाईलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है।

  •  2010 से आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र व्यवस्था लागू हो गयी है।

  • हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री मोदीजी ने आसियान देशों की यात्रा की तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने से संबंधित कई समझौते किए तथा लुक ईस्ट पॉलिसी के स्थान पर एक्ट ईस्ट पॉलिसी की संकल्पना प्रस्तुत की। 

  • इसी के अंतर्गत वर्ष 2018 के गणतत्र दिवस समारोह में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों7 को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

  • वर्तमान में भारत का आसियान के साथ व्यापार 100बिलियन डॉलर का है जिसे 2025 तक 300 बिलियन डॉलर तक करने का लक्ष्य है।


आसियान क्यों सफल रहा और दक्षेस (सार्क) क्यों नहीं? क्या इसलिए कि उस क्षेत्र में कोई बहुत बड़ा देश नहीं है? 


  • आसियान की सफलता का मुख्य कारण इसके सदस्य देशों का अनौपचारिक, टकरावरहित एवं सहयोगात्मक मेल-मिलाप है। जिससे निवेश, श्रम एवं सेवाओं के मामले में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने में सफलता प्राप्त हुई। 

  • इसने सदस्य देशों का साझा बाजार एवं उत्पादन आधार तैयार किया है और इस क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहयोग प्रदान किया है।

  •  जबकि दक्षेस (सार्क) के सफल न होने का कारण इसके सदस्य देशों में बातचीत के माध्यम से आपसी टकराव को समाप्त नहीं किया।

  •  फलस्वरूप यहाँ न तो साझा बाजार स्थापित हो सका और न ही निवेश, श्रम एवं सेवाओं के मामलों में यह मुक्त क्षेत्र बन सका।



चीन


चीनी अर्थव्यवस्था की प्रारंभिक विशेषताएं


  • माओ के नेतृत्व में साम्यवादी क्रांति और जनवादी चीन का उदय-1949

  • प्रारंभ में यहाँ भी सोवियत आर्थिक मॉडल को अपनाया गया।

  • प्रारंभ में साम्यवादी चीन ने पूंजीवादी दुनिया से अपने आपको अलग कर लिया। ऐसे में उसके पास अपने ही संसाधनों से गुजारा करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। थोड़े समय के लिए सोवियत संघ से मदद जरूर मिली।

  • चीन ने विकास का जो मॉडल अपनाया गया उसमें खेती से पूंजी निकाल कर सरकारी नियंत्रण में बड़े उद्योग खड़े करने पर जोर दिया।

  • चूंकि इसके पास विदेशी बाजारों से तकनीक और सामानों की खरीद के लिए विदेशी मुद्रा की कमी थी इसलिए चीन ने आयातित सामानों को धीरे-धीरे घरेलू स्तर पर तैयार करना शुरू कर दिया।

  • चीन अपने अधिक से अधिक नागरिकों को रोजगार और सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ देने के दायरे में लाया।

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में यह विकसित देशों से भी आगे था।

  • अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5 से 6 फीसदी थी। लेकिन इतनी वृद्धि दर, प्रति वर्ष 2 से 3 प्रतिशत की दर से बढ़ने वाली इतनी विशाल जनसंख्या का भरण पोषण के लिए पर्याप्त नहीं थी।

  • उद्योगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कृषि क्षेत्र का अतिशेष पर्याप्त नहीं था।

  • जिस प्रकार की समस्याओं का जिक्र राज्य नियंत्रित सोवियत व्यवस्था के लिए की जाती हैं उसी प्रकार की समस्याओं का सामना चीन को भी करना पड़ रहा था।

  • इसका औद्योगिक उत्पादन पर्याप्त तेजी से नही बढ़ रहा था। प्रतिव्यक्ति आय भी बहुत कम थी।


चीनी अर्थव्यवस्था में किये गए सुधार


चीनी नेतृत्व ने 1970 के दशक में कुछ बड़े नीतिगत  निर्णय लिए।


  • 1972 में अमेरिका से संबंध बनाकर अपने राजनैतिक और आर्थिक एकांतवास को खत्म कर लिया।

  • 1973 में प्रधानमंत्री चाउ एन लाई ने कृषि उद्योग सेना और विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे।

  • 1978 में तत्कालीन नेता देंग श्याओपेंग ने आर्थिक सुधारों और खुले द्वार की नीति घोषित की। इसके तहत विदेशी पूंजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतम उत्पादकता को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। अर्थात बाजारमूलक अर्थव्यवस्था (LPG) को प्रोत्साहित किया गया।

  • चीन ने सोवियत संघ की भांति शॉक थेरेपी को अपनाने के बजाय अपनी अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से खोला।

  • 1982 में खेती का निजीकरण किया जबकि 1998 में उद्योगों का।

  • व्यपार संबधित अवरोधों से छूट केवल विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone - SEZ) तक सीमित रखा गया।

  • 2001 में विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बना।


नई आर्थिक नीतियों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में किस प्रकार सुधार हुआ? स्पस्ट कीजिए

  • कृषि के निजीकरण के कारण कृषि उत्पादों तथा ग्रामीणों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई।

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी बचत का परिमाण बढ़ा और इससे ग्रामीण उद्योगों की तादाद बड़ी तेजी से बढ़ी।

  • कृषि और उद्योग दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था में तेजी आयी।

  • व्यापार के नए कानून तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone - SEZ) के निर्माण से विदेशी-व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

  • चीन पूरे विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए सबसे आकर्षक देश बनकर उभरा।

  • चीन के पास अब विदेशी मुद्रा का विशाल भंडार है और इसके दम पर चीन दूसरे देशों में भी निवेश कर रहा है।


चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार के बावजूद चीन के लोगों पर पड़े इसके किन्हीं चार दुष्प्रभावों  का उल्लेख कीजिए। या


चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार तो हुआ है परंतु प्रत्येक चीनी को सुधारों का लाभ नही मिला क्यों? कोई चार कारण स्पष्ट कीजिए।


यद्यपि चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार तो हुआ परंतु प्रत्येक चीनी को सुधारों का लाभ नही मिला क्योंकि-


1- बेरोजगारी दर बढ़ी है। लगभग 10 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं।


2- भ्रष्टाचार के स्तर में वृद्धि हुई।


3- महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों में और भी कमी आयी जिसके कारण उनकी स्थिति में सुधार नही हुआ।


4- क्षेत्रीय (शहरी व ग्रामीण तथा तटीय व मुख्यभूमि पर रहने वाले लोगों के बीच) असमानता बढ़ गयी।


5- पर्यावरण को काफ़ी हानि पहुँची।


स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से 1962 तक भारत का चीन के साथ संबंधों का वर्णन कीजिए।


1- 1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में हुई साम्यवादी क्रांति के बाद भारत गैर साम्यवादी देशो में चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता देने वाला प्रथम देश था।


2- 1954 में भारत के प्रधानमंत्री नेहरू तथा चीन के प्रधानमंत्री चाउ एन लाई के बीच शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के 5 सिद्धांतों अर्थात पंचशील समझौता हुआ। इसके बाद हिंदी चीनी भाई-भाई के नारे लगने लगे।


3- 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया, तब भारत ने इसका विरोध नही किया परंतु बाद में भारत को अपनी गलती का एहसास हुआ।


4- 1959 में चीन ने तिब्बतवासियो पर अपना दमनचक्र प्रारंभ कर दिया जिसके कारण तिब्बत के धर्मगुरु दलाईलामा के साथ हजारों तिब्बती शरणार्थी भारत में शरण लिए, जिसके कारण चीन नाराज हो गया।


5- 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण करके अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। जिसके कारण दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गयी।



1.4 : सत्ता के वैकल्पिक केंद्र




 एक अंकीय प्रश्न


👉1- मार्शल योजना के तहत 1948 में किस संगठन की स्थापना हुई?


युरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन।


👉2- चीन में किस नेता ने और कब 'खुलेद्वार' की नीति अपनाई ?


उत्तर :- देंग श्याओपेंग, 1978


👉3- चीन के किस प्रधानमंत्री के समय में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे गये ?


चाऊ एन लाई


👉4- आसियान (ASEAN) का पूरा नाम लिखिए।


एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ)


👉5- यूरोपीय संघ का गठन कब और किस संधि के द्वारा हुआ?


1992, मास्ट्रिस्ट संधि द्वारा।


👉6- भारत ने आसियान के किन दो देशों के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया है?


सिंगापुर और थाईलैंड।


👉7- आसियान ने 'आसियान शैली' द्वारा किन दो देशों का टकराव समाप्त किया ?


कंबोडिया व पूर्वी तिमोर।


👉8-  'यूरो' मुद्रा को मानने का विरोध किन देशों ने किया ?


स्वीडन तथा डेनमार्क।


👉9- कब और किस संधि द्वारा यूरोपीय समुदाय के देशों के बीच सीमा नियंत्रण समाप्त किया गया ?


1985, शांगेन संधि।


👉10- यूरोपीय संघ की मुद्रा का नाम लिखिए ।


यूरो


 👉11- चीन ने भारत पर आक्रमण कब किया था?


अक्टूबर 1962


 👉12- माओ के नेतृत्व में चीन में हुई साम्यवादी क्रान्ति के बाद अपनाया गया आर्थिक मॉडल किस देश से आयातित था?


सोवियत संघ


👉13- निम्न कथनों में कौन सा असत्य है?


i) आसियान की स्थापना 5 देशों ने मिलकर की है।

ii) वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 10 है।

iii) आसियान के कामकाज में राष्ट्रीय सार्वभौमिकता का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।

iv) 1992 में आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गई।


उत्तर :- iv) 1992 में आसिमान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गई।


👉14- चीन में कृषि का निजीकरण कब किया गया?


1982 में।


👉15- चीन की महत्वाकांक्षी योजना OBOR का विस्तृत रूप लिखिए।

One Belt One Road


 👉16- आसिमान के दो संस्थापक सदस्य देशों के नाम लिखिए


मलेशिया व सिंगापुर


 

दो अंकीय प्रश्न

 

👉1- क्षेत्रीय संगठन का अर्थ बताइये ?


परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर बनाये गए संगठनों को क्षेत्रीय संगठन कहते हैं। जैसे सार्क आसियान व यूरोपीय संघ।

 

👉2- सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र से क्या अभिप्राय है ?


उत्तर :- सोवियत संघ के विघटन के बाद पूरे विश्व में अमेरिकी वर्चस्व का दौर प्रारंभ होता है। कुछ देश व क्षेत्रीय संगठनों का उदय सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र के रूप में हुआ है। ये देश या संगठन अमरीका के वर्चस्व को सीमित करने में कुछ हद तक सक्षम हैं क्योंकि ये देश या संगठन राजनीतिक व आर्थिक रूप से शक्तिशाली हो रहे हैं।


👉3- मार्शल योजना क्या थी?


उत्तर :- अमेरिका द्वारा प्रस्तुत की गई वह योजना जिसके तहत पश्चिमी यूरोप के देशों के पुनर्निर्माण व विकास के लिए आर्थिक सहायता देना था। इसी योजना के तहत 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई थी।


👉4- आसियान के किन्हीं दो संस्थापक देशों का नाम लिखिए।


उत्तर :- इण्डोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंण्ड।


👉5- 1970 के दशक में चीन ने कौन से दो नीतिगत निर्णय लिए?


i) 1972 में अमरीका से राजनीतिक व आर्थिक संबंध बनाए।

ii) 1978 में खुले द्वार की नीति की घोषणा की।


👉6- 1973 में चीनी प्रधानमंत्री चाऊ एल लाई ने किन चार क्षेत्रों में आधुनिकीकरण के प्रस्ताव रखें ?


 कृषि, उद्योग, सेना और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र।


👉7- चीन द्वारा अपनाई गई खुले द्वार की नीति क्या थी ?


विदेशी पूँजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त किया जाए।


👉8- तिथि के हिसाब से इन सबको क्रम दें?

i) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश।

ii) चीन में खेती का निजीकरण।

iii) खुलेद्वार की नीति।

iv) राजनैतिक और आर्थिक एकांतवास की समाप्ति ।

उत्तर 

(i) 4) 1972

(ii) 3) 1978

(iii) 2) 1982

(iv) 1) 2001


 👉9- सुमेलित कीजिए।


i) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना

ii) बैंकॉक घोषणा द्वारा स्थापना

iii) मुद्रा यूरो को मानने से इंकार

iv) संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य


क) डेनमार्क तथा स्वीडन

ख) फ्रांस व ब्रिटेन

ग) मार्शल योजना

घ) आसियान


उत्तर :-

(i) ग

(ii) घ

(iii) क

(iv) ख


 

तीन/चार अंकीय प्रश्न


👉1- एक आर्थिक समुदाय के रूप में बने पूरोपीय संघ ने एक राजनीतिक संगठन का रूप कैसे ले लिया ? (IMP)


 i) यूरोपीय संघ एक राज्य की भाँति है जिसका अपना झण्डा, गान एवं स्थापना दिवस है। 

ii) 1979 में यूरोपीय संसद के गठन।

iii) सोवियत संघ के विघटन के बाद 1992 में यूरोपीय संघ का गठन।

iv) एक मुद्रा, समान विदेश एवं सुरक्षा नीति, न्याय एवं घरेलू मामलों पर आपसी सहयोग।


👉2- आसियान समुदाय के किन्हीं दो स्तम्भों और उनके उद्देश्यों के बारे में बताएँ।


i) सुरक्षा समुदाय-

आसियान सुरक्षा समुदाय क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक न ले जाने की सहमति पर आधारित है।


ii) आर्थिक समुदाय

 इसका उद्देश्य आसियान देशों में साझा बाजार विकसित करना और उत्पादन आधार तैयार करके इस क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को तेज करना।


 👉3- क्षेत्रीय संगठनों के निर्माण के मुख्य उद्देश्य क्या हैं।


 i) सदस्य देशों में एकता की भावना का मजबूत होना?

ii) क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।

iii) सदस्यों के बीच आपसी व्यापार को बढ़ावा देना।

iv) क्षेत्र में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना।

v) विवादों को आपसी बातचीत द्वारा निपटाना।


 👉4- बदली हुई चीनी अर्थव्यवस्था में व्याप्त किन्हीं चार कमियों पर प्रकाश डालिए।.

  1. बेरोजगारी के स्तर में वृद्धि

  2. महिलाओं की स्थिति में गिरावट

  3. क्षेत्रीय असमानता बढ़ी

  4. पर्यावरण को नुकसान

  5. भ्रष्टाचार के स्तर में वृद्धि।


👉5- भारत एंव चीन के सम्बन्धों में तनाव के चार पहलुओं का वर्णन कीजिए।


  1. सीमा विवाद

  2. नदी जल विवाद

  3. पाकिस्तान का समर्थन

  4. चीन की विस्तारवादी नीति।


👉6- चीन के साथ भारत के सुधरते सम्बन्धों की व्याख्या कीजिए। 


  1. सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार

  2. ब्रिक्स शंघाई सहयोग संगठन साझा मंच

  3. चीनी छात्र भारत में कंप्यूटर और इंग्लिश पढ़ने आते हैं।

  4. हैंड इन हैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास।


👉7- यूरोपीय संघ को क्या चीजें एक कमजोर क्षेत्रीय संगठन बनाती है?


i) कभी-कभी सदस्य देशो द्वारा विदेश और रक्षानीति का एक दूसरे के खिलाफ प्रयोग करना।

ii) एक संविधान बनाने का प्रयास असफल।

iii) डेनमार्क व स्वीडन द्वारा मास्ट्रिस्ट संधि व यूरो का विरोध ।

iv) कई सदस्य देश अमरीकी गठबंधन में थे।


👉8- चीन की नई आर्थिक नीति ने किन चार तरीको से चीन की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचाया हैं?


i) जड़ता को समाप्त करके खुलेद्वार की नीति अपनायी गयी।

ii) कृषि क्षेत्र का निजीकरण किया गया।

iii) व्यापार के नए नियम और नए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) का  निर्माण।

iv) ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी बचत का परिणाम बढ़ा।



👉9- आसियान विजन 2020 की मुख्य विशेषताएं क्या है? (IMP)


i) अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसिमान की बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गयी।

ii) टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति पर अमल करना।


👉10- मार्शल योजना क्या है?


द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यूरोपीय देशों की की व्यापक तबाही हुई थी।अतः युद्ध के उपरांत यूरोपीय देशों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत थी।अतः अमेरिका ने परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए मार्शल योजना प्रस्तुत की।इस योजना का उद्देश्य पश्चिमी यूरोपीय देशों के पुनर्निर्माण में आर्थिक सहायता करके उन्हें अपने गुट में शामिल कर लेना था। इसी योजना के तहत सन 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग परिषद का गठन किया गया।


👉11- यूरोपीय संघ आर्थिक सहयोग वाली संस्था से बदलकर ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक रूप लेता गया। यह बात आप कैसे सिद्ध कर सकते हैं?


  • यूरोपीय संघ का अपना झंडा, अपना गान, अपना स्थापंना दिवस है।

  • यूरोपीय संघ की संसद है।

  • यूरोपीय संघ की मुद्रा भी है।

  • नोट- सन् 2003 में यूरोपीय संघ ने अपना संविधान बनाने की कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रहा।


👉12- यूरोपीय संघ की विशेषताएँ लिखिए


  • आर्थिक, राजनीतिक, सैनिक प्रभाव जबरदस्त है।

  • 2005 मैं यूरोपीय संघ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी।वर्तमान में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

  • इसकी GDP 17 हजार अरब डॉलर से भी ज्यादा है।

  • यूरो अमेरिका डॉलर के लिए खतरा बन सकता था।

  • विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमेरिका से 3 गुना ज्यादा है।

  • इसका एक सदस्य फ्रांस सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है।

  • यूरोपीय संघ का एक सदस्य परमाणु शक्ति सम्पन्न है। इसके पास 350 परमाणु हथियार हैं।

  • अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में दूसरे स्थान पर है।


👉13- यूरोपीय संघ की कमियां तथा विवाद बताओ?


  • संघ में नए सदस्यों को शामिल करने को लेकर मतभेद रहता है। जैसे सोवियत संघ से अलग हुए देशों को कुछ सदस्य देश यूरोपीय संघ में शामिल करने के पक्षधर नही थे।

  • साझी मुद्रा यूरो को सभी सदस्य देश मानने को तैयार नहीं हैं।स्वीडन और डेनमार्क इसका विरोध करते हैं।

  • विदेश नीति के मामले में भी सभी सदस्य एकमत नही हैं। जैसे इराक पर जब अमेरिकी हमले का ब्रिटेन ने समर्थन किया लेकिन जर्मनी और फ्रांस ने समर्थन नहीं किया।

  • ब्रिटेन की पूर्व P.M मार्गरेट थैचर ने ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार से अलग रखा। अब वह यूरोपीय संघ से पूरी तरह से अलग हो गया है।


👉14- आसियान के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।


आसियान (पूरा नाम - दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन)

स्थापना -1967 में 5 देशों ने बैंकॉक घोषणा पत्र में हस्ताक्षर करके की।

सदस्य देश - फिलीपींस इंडोनेशिया सिंगापुर थाईलैंड मलेरिया।

(ट्रिक- FISTM)

बाद में शामिल देश-कम्बोडिया म्यांमार लाओस वियतनाम और  बुनेई दरूसलम। (ट्रिक - कमला वीबी)


उद्देश्य - 

  • आर्थिक विकास को तेज करना।

  • सामाजिक और सांस्कृतिक विकास हासिल करना।

  • अपने क्षेत्र में शांति कायम रखना तथा विवादों को सुलझाना।  


👉15- आर्थिक सुधारों के बाद चीन में क्या समस्याएं उत्पन्न हुई?


1) चीन में 10 करोड़ से भी अधिक लोग बेरोजगार हैं।

2) महिलाओं के काम करने की स्थिति अच्छी नहीं ।

3)भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।

4) पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।


5 अंकीय प्रश्न


👉1- चीनी अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए उत्तरदायी कारकों की व्याख्या कीजिए? (IMP)


उत्तर :-आर्थिक सुधारों के कारण


👉2- यूरोपीय संघ एक अधिराष्ट्रीय संगठन के रूप में कैसे उभरा ? (M.IMP)


i) सबसे पुराना संगठन जो इसे स्थायित्व और प्रभावकारी बनाता है।

ii) समान राजनीतिक रूप जैसे-झंडा, गान, स्थापना दिवस और मुद्रा।

iii) यूरोपीय संघ की सहयोग की नीति।

v) विश्व व्यापार में यूरोपीय संघ की हिस्सेदारी अमरीका से तीन गुना अधिक हैं।

v) इसके पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। उसका रक्षा बजट अमेरिका के बाद सबसे अधिक है।

vi) फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य हैं।


👉3- वैकल्पिक शक्ति केन्द्र के रूप में जापान किस प्रकार प्रभावकारी होगा?


उत्तर :- जापान निम्न तथ्यों के द्वारा सत्ता का वैकल्पिक केन्द्र बन सकता है।


i) विश्व में उच्च प्रौद्योगिकी के लिए मशहूर है।

ii) इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

iii) जापान विकसित देशों के समूह जी-7 में शामिल है।

iv) संयुक्त राष्ट्रसंघ के बजट में अंशदान के हिसाब से जापान दूसरा सबसे बड़ा देश है।

v) राष्ट्रों के बीच विवादों को सुलझाने में बल प्रयोग अथवा धमकी से काम लेने के तरीके का जापान के लोग हमेशा के लिए त्याग कर दिए हैं।

vi) जापान का सैन्य व्यय उसके सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1 प्रतिशत है फिर भी सैन्य व्यय के लिहाज से जापान का विश्व में स्थान चौथा हैं।


👉4- चीनी अर्थव्यवस्था की उन्नति का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

पक्ष

i) 1972 में राजनीतिक तथा आर्थिक एकांतवास की समाप्ति ।

ii)1973 में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव लाये गए। कृषि,उद्योग, सेना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आधुनिकीकरण।

iii)1978 में खुले द्वार की नीति अपनायी गयी।

iv) 1982 में कृषि का तथा 1998 में उद्योगों का निजीकरण किया गया।

विपक्ष

i) सुधारों का लाभ सभी वर्गों को नहीं मिला।

ii) बेरोजगारी बढ़ी।

iii) महिलाओं के लिए रोजगार और काम के हालत ठीक नहीं है।

iv) पर्यावरण को नुकसान हुआ।

v) भ्रष्टाचार बढ़ा है।




क्रमशः.......


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